आजकल दीपावली के अवसर पर मिष्ठानो की दुकानों में बिक्री बढ गयी है। प्रतिदिन समाचार पत्रों और विभिन्न टीवी चैनलों में मिलावटी खोये से बने मिष्ठानो के बारे में सनसनीखेज ख़बरें दी जा रही हैं। इनमे बताया जा रहा है कि खोये में मिलावट कैसे पता लगायें। क्या कभी इन समाचार पत्रों और चैनलों नें ये सोचा है कि एक आम ग्राहक किसी मिष्ठान भंडार से किसी मिष्ठान को कैसे जाँचे। ऐसे तो कोई भी मिष्ठान नहीं खरीद पायेगा।
इस मामले में सरकार को जागना चाहिए।मिलावट खोरी के लिए कड़े कानून बनाने चाहियें। आम लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के लिए मिलावट करने वालों और मिलावटी वस्तुएं बेचने वालों को उम्रकैद का प्रावधान होना चाहिए। जैसे सोने और चांदी का प्रमाणन अथवा मसालों आदि को एगमार्क सरकार करती है उसी प्रकार मिष्ठानो का भी होना चाहिए। समय समय पर विभिन्न मिष्ठानो के नमूने एकत्र करके उनकी जांच करनी चाहिए। लेकिन अफ़सोस विभिन्न जांच अधिकारी अपने कार्य में नहीं वरन भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ऐसे में मिलावटखोरों को बढावा मिलता है। सरकार कहती है -'जागो ग्राहक जागो' लेकिन हम कहते हैं -'जागो सरकार जागो'
सुन्दर लेखन , बधाई !
जवाब देंहटाएंकानून तो बहुत हैं, लेकिन उनका उपयोग वसूली के लिये होता है..
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