मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

रेल रोको,दूध गिराओ,आरक्षण पाओ......

राजस्थान में गुर्जर समुदाय के लोगों ने रेल पटरियों पर बाधा खड़ी करके जो क्षति पहुंचाई है,उसकी पूर्ति कौन करेगा?भारत जैसे लोकतंत्र में लोगो को उनके आवागमन से वंचित किया जा रहा है। यदि कोई आपात स्थिति में है(बीमारी,दुर्घटना आदि)तो उसका तो अस्पताल पहुंचना ही असंभव है। ऐसे में सरकार कहाँ सोई है?कहाँ है पुलिस प्रशासन?राष्ट्र को रोजाना करोडो रूपए की हानि हो रही है। इन लोगों ने कुछ जगह दूध को सडकों पर बिखराकर प्रदर्शन किया। यदि यही दूध असमर्थ बच्चों को पिलाया जाता तो कितना पुण्य मिलता।
अब सोचने का नहीं बल्कि करने का समय आ गया है। इस देश में जाति आधारित आरक्षण समाप्त कर देना चाहिए। आरक्षण यदि हो तो केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए। तभी आरक्षण का सही न्याय होगा। माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी इस पर टिप्पणी की है कि जाति प्रथा को समाप्त कर देना चाहिए । सच तो ये है की देश के ये कथित नेता नहीं चाहते ,नहीं तो संसद में कानून पास करवाना कोई बड़ी बात नहीं है। अब देश के शिक्षित युवा वर्ग को आगे आकर इस आवाज़ को उठाना होगा। .............................................सानु मार्गदर्शक।

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