आज मिर्ज़ा असद -उल्लाह -खान यानि मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्मदिवस है। मिर्ज़ा ग़ालिब ब्रिटिश कालीन भारत के उर्दू और फारसी के महान शायर थे। वह बहादुरशाह ज़फर के दरबारी शायर थे। मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी बहुत पसंद की जाती थी।आज भी उनकी लिखी ग़ज़लें बहुत से गायक गाते और श्रोता मंत्रमुग्ध होकर सुनते हैं।
'दिले नादां तुझे हुआ क्या है......' , 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाइश पे........' , 'ये ना थी हमारी किस्मत.......'ग़ालिब की कलम से निकली प्रसिद्व ग़ज़लें हैं...............................सानु मार्गदर्शक
'दिले नादां तुझे हुआ क्या है......' , 'हजारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाइश पे........' , 'ये ना थी हमारी किस्मत.......'ग़ालिब की कलम से निकली प्रसिद्व ग़ज़लें हैं...............................सानु मार्गदर्शक
***********************
'nazzara'की ओर से श्रद्धांजलि
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें