पिछले कुछ महीनो से गर्मी की मार झेल रहे उत्तर भारत पर अब मानसून ने कुछ ज्यादा ही मेहरबानी कर दी है। मानसून के आगमन के साथ ही इतनी अधिक वर्षा हुई कि पंजाब-हरियाणा की सीमा से लगते हुए नगर और गाँव पानी में डूब गए.अम्बाला भी जलमग्न हो गया,जिससे दिल्ली से चंडीगढ़,पंजाब,हिमाचल और जम्मू-कश्मीर का सड़क और रेल संपर्क टूट गया। सतलुज-यमुना नहर टूट गयी। हर वर्ष की तरह इस बार भी कितना पानी यूँ ही बर्बाद हो गया।बिहार में हर वर्ष नेपाल की नदियों से भीषण बाढ़ आती है,वहीँ दूसरी ओर राजस्थान मानसून में भी पानी को तरसता है।
सरकार हर बार केवल कागजों में वर्षा जल संचय की योजना बनाती है। अगर अब भी सरकार इस पर युद्धस्तर पर काम नहीं करती है,तो आने वाले समय में पानी का हाहाकार मचेगा.लोगों के अनुसार आने वाले समय में पानी के लिए युद्ध होंगे।
बहुत सही बात कही है आपने
जवाब देंहटाएं