सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में कहा कि जो सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त है उसे तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए । इस मामले में उ.प्र. परिवहन के कर्मचारी ने बस में सफ़र कर रहे यात्रियों को उनके दिए गए किराये के बदले कोई टिकट जारी नहीं किया और वो पैसे अपनी जेब में डाल लिए. सरकार नें उसे बर्खास्त कर दिया और उसने इलाहबाद उच्च न्यायालय से अपनी बर्खास्तगी रुकवा ली.सरकार ने इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कि और यह एतिहासिक निर्णय सामने आया।
ये निर्णय उन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए चेतावनी है जो काम के लिए रिश्वत मांगते हैं या सरकारी धन का गबन करते हैं.जनता को ऐसे भ्रष्टाचारियों को पकड्वाना चाहिए...........................................सानु मार्गदर्शक.
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