इस देश की विडंबना देखिये ,जहाँ एक ओर क्रिकेटर सबसे अधिक आयकर देने की होड़ में हैं,वहीँ देश के राष्ट्रीय खेल हाकी के खिलाडी पैसे न मिलने के कारण खेलने से इनकार कर रहे हैं.भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड का बजट अरबो रुपये का होता है और हाकी के लिए नाम का बस.कोई प्रायोजक नहीं मिलता.आखिर देश का खेल मंत्रालय क्या कर रहा है?सरकार व्यर्थ ही इस मंत्रालय का बोझ ढ़ो रही है.ऐसे में कैसे पदकों की उम्मीद करें......................सानु मार्गदर्शक.
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