सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

मुंबई हमारी है......नहीं हमारी है...........

वाह री राजनीति.कितना घिनौना चेहरा है तेरा.इस देश का दुर्भाग्य देखिये,जहाँ राजनैतिक पार्टियां अपना वजूद बचाने के लिए ओछी राजनीति पर उतर आती हैं.शिव सेना और महा.नरक बनाओ सेना(म.न.से.)जिनका महाराष्ट्र से बाहर कोई वजूद नहीं है,अपने को बनाये रखने के लिए क्षेत्रवाद और भाषावाद को बढावा दे रही हैं.ये सरासर भारतीय संविधान के विरुद्ध है.ऐसे नेताओं पर देश के विरुद्ध षड्यंत्र रचने और देश को बाँटने का मुकद्दमा चलाया जाना चाहिए.जनता को भी जागरूक होना चाहिए .ये षड्यंत्रकारी देश को कमज़ोर करते हैं और दुश्मन इसी बात का फायदा उठाते हैं.

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