आज(२७ सित.)आवाज़ के जादूगर महेन्द्र कपूर जी हमे पिछले वर्ष अलविदा कह गए थे.गुरूजी को उनकी ओजपूर्ण आवाज़ के लिए जन जाता है.उनके गाये गीत जैसे--न मुह छुपा के जियो और......,नीले गगन के तले.... .,आधा है चंद्रमा ......,मेरे देश की धरती..........,दिल की ये आरजू थी कोई....................आदि कभी न भूल पायेंगे.मेरी ओर से गुरूजी को श्रद्धांजलि.....................सानु मार्गदर्शक.
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